बक्सर की लड़ाई
Buxar ki Ladai
मीर कासिम ने देखा कि अंग्रेज़ ‘गुमाश्ते दश्तक’ (बिना चुंगी के व्यापार का अधिकार पत्र) का दुरुपयोग कर रहे हैं, और चुंगी देने की व्यवस्था का उल्लंघन कर रहे हैं। अंग्रेज़ों ने दस्तक का धन लेकर भारतीय व्यापारियों को भेजना प्रारम्भ कर दिया था, जिसका परिणाम यह हुआ, कि जो धन चुंगी के रूप में नवाब को मिलता था, वह भी समाप्त होने लगा। अन्ततः मीर कासिम ने व्यापार पर से सभी आन्तरिक कर हटा लिए, जिससे भारतीय व्यापारियों की स्थिति अंग्रेज़ व्यापारियों की तरह ही हो गई। मीर कासिम के इस निर्णय से अंग्रेज़ अधिकारी स्तब्ध रह गये। सम्भवतः उसका यही निर्णय कालान्तर में बक्सर के युद्ध का कारण बना। बक्सर के युद्ध से पहले मीर कासिम अंग्रेज़ों से निम्नलिखित युद्धों में पराजित हुआ-
गिरिया का युद्ध – 4 सितम्बर अथवा 5 सितम्बर, 1762 ई.
करवा का युद्ध – 9 जुलाई, 1763 ई.
उद्यौनला का युद्ध – 1763 ई.