साइमन कमीशन
Simon Commission
असहयोग आंदोलन असफल रहा। इसलिए राजनैतिक गतिविधियों में कुछ कमी आ गई थी। साइमन कमीशन को ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत सरकार की संरचना में सुधार का सुझाव देने के लिए 1927 में भारत भेजा गया। इस कमीशन में कोई भारतीय सदस्य नहीं था और सरकार ने स्वराज के लिए इस मांग को मानने की कोई इच्छा नहीं दर्शाई। अत: इससे पूरे देश में विद्रोह की एक चिंगारी भड़क उठी तथा कांग्रेस के साथ मुस्लिम लीग ने भी लाला लाजपत राय के नेतृत्व में इसका बहिष्कार करने का आव्हान किया। इसमें आने वाली भीड़ पर लाठी बरसाई गई और लाला लाजपत राय, जिन्हें शेर – ए – पंजाब भी कहते हैं, एक उपद्रव से पड़ी चोटों के कारण शहीद हो गए।