सागरमाला परियोजना
Sagarmala Project
सागर माला परियोजना (Sagarmala Project) भारत सरकार के सभी बंदरगाह के विकास की नीयत से मोदी सरकार द्वारा शुरू किया गया है। इसे 25 मार्च 2015 के केन्द्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल गया है। इसका मुख्य उदेश्य बन्दारगाह की ऊपर आधारित विकास को बढ़ावा देना है।
सरकार की महत्वाकांक्षी सागरमाला परियोजना (Sagarmala Project) से अगले चार से पांच साल के भीतर एक करोड़ नौकरियां पैदा होंगी। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह बात कही। इस कार्यक्रम का मकसद बंदरगाह आधारित विकास को बढ़ावा देना है।
इसके लिए देश की 7,500 किमी लंबी तटीय रेखा, 14,500 किमी संभावित नौवहन योग्य जलमार्ग और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार मार्गों पर रणनीतिक स्थानों का उपयोग किया जाएगा।
राष्ट्रीय सागरमाला (Sagarmala) शीर्ष समिति की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करने के बाद गडकरी ने बताया कि केवल शिपिंग और पोर्ट्स सेक्टर में प्रोजेक्ट के तहत एक करोड़ नौकरियां पैदा होंगी। इनमें 40 लाख रोजगार प्रत्यक्ष व 60 लाख अप्रत्यक्ष रूप से तैयार होंगे।
उनके मुताबिक, मुंबई में 14 से 16 अप्रैल में होने वाली आगामी मैरीटाइम इंडिया समिट में ही सेक्टर में दो लाख करोड़ रुपये का निवेश आने की उम्मीद है। इस समिट का आयोजन समुद्री क्षेत्र में भरपूर अवसरों का लाभ उठाने के लिए हो रहा है।
देश में जलमार्गों के विकास पर सरकार का खास जोर है। जलमार्ग के रूप में 116 नदियों में मौजूद संभावनाओं को खंगाला जाएगा। जलमार्गों और बंदरगाहों को विकसित करना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। इससे माल ढोने की लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी।
सड़क मार्ग से एक किमी तक कारगो ले जाने में डेढ़ रुपये का खर्च आता है। रेल से यह एक रुपये बैठता है। जबकि जलमार्ग से यही लागत घटकर केवल 25 पैसे पर आ जाती है। सागरमाला के तहत सरकार ने 150 से ज्यादा प्रोजेक्टों की पहचान की है।