द्वितीय विश्वयुद्ध परिणाम
World War II results
अंतरराष्ट्रीय शांति बनाए रखने के प्रयास के लिए, मित्र राष्ट्रों ने संयुक्त राष्ट्र का गठन किया, जो 24 अक्तूबर, 1945 को अधिकारिक तौर पर अस्तित्व में आया.
हालांकि इससे बेपरवाह, पश्चिमी सहयोगियों और सोवियत संघ के बीच के रिश्ते युद्द के ख़तम होने से पहले ही बिगड़ने शुरू हो गए थे, और दोनों शक्तियों ने जल्द ही उनके स्वयं के प्रभाव क्षेत्रोंको स्थापित किया. यूरोप में, महाद्वीप अनिवार्य रूप से पश्चिमी और सोवियत क्षेत्रों के बीच तथाकथित लौह परदे, जो की अधीनस्थ आस्ट्रिया और मित्र राष्ट्रों के अधीनस्थ जर्मनी से होकर गुजरता था और उन्हें विभाजित करता था, के द्वारा विभाजित था.एशिया में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने जापान पर कब्जा किया और उसके पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के पूर्व द्वीपों को व्यवस्थित किया जबकि सोवियत संघ ने सखालिन और कुरील द्वीपों पर अधिकार कर लिया; पूर्व जापानी शासित कोरियाको विभाजित कर दिया गया और दोनों शक्तियों के बीच अधिकृत कर दिया गया.संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के बीच तनाव जल्दी ही अमेरिका-नेतृत्वनाटो और सोवियत नेतृत्व वाली वारसॉ संधि सैन्य गठबंधन के गठन में विकसित हुआ और उनके बीच में शीत युद्द का प्रारम्भ हुआ.
दुनिया के कई हिस्सों में, द्वितीय विश्व युद्ध के समाप्त होने के कुछ ही समय के भीतर संघर्ष पुनः शुरू हो गया.चीन में, राष्ट्रवादी और साम्यवादी ताकतों ने जल्दी ही उनकेगृह युद्ध को बहाल कर दिया.साम्यवादी सेनाएं अंततः विजयी रहीं औरचीन के जनवादी गणराज्य को मुख्य भूमि पर स्थापित किया जबकि राष्ट्रवादी ताकतों ने ताईवान में अपनी सत्ता जमाई. ग्रीस में,साम्यवादी ताकतोंऔर एंग्लो अमेरिका समर्थित शाहीवादी ताकतों के बिच गृहयुद्ध छिड़ गया, जिसमे शाहीवादी ताकतों की विजय हुई. इन मुठभेड़ों की समाप्ति के तुंरत बाद, कोरिया मेंदक्षिणी कोरिया, जिसको पश्चिमी शक्तियों का समर्थन था, तथा उत्तरी कोरिया, जिसको सोवियत संघ और चीन का समर्थन था, के बीच युद्द छिड़ गया; मूलतः युद्ध का अंत एक गतिरोध और संघर्ष विराम के साथ हुआ.
युद्द की समाप्ति के बाद, विभिन्न यूरोपीय औपनिवेशिक शक्तियों के नियंत्रण वाली जगहों में गैर उपनिवेशीकरणका एक तीव्र दौर आया. ऐसा मुख्य रूप से विचारधारा में बदलाव, युद्द से हुई आर्थिक तंद्रा और स्वनिर्धारण के लिए स्थानीय लोगों की बढती मांग के कारण हुआ. अधिकतर हिस्सों में, ये हस्तांतरण अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण ढंग से हुए, यद्यपि अपवाद के तौर पर हिन्दचीन, मेडागास्कर, इंडोनेशियाऔर अल्जीरिया जैसे देश उल्लेखनीय हैं. अनेक क्षेत्रों में, आमतौर पर जातीय या धार्मिक कारणों से, विभाजन, यूरोपियों की वापसी के बाद हुआ; ऐसा प्रमुख रूप से देखा गया फिलिस्तीन के अधिदेश में, जिसके कारणइजराइल और फिलिस्तीन की रचना हुई, और भारत में, जिसकी वजह सेभारतीय अधिकार क्षेत्रऔर पाकिस्तानी अधिकार क्षेत्र की उत्पत्ति हुई.
युद्ध के बाद में आर्थिक सुधार दुनिया के भिन्न भागों में विविध हुए, हालाँकि सामान्यतया ये काफी सकारात्मक थे. यूरोप में, पश्चिम जर्मनी ने जल्दी से पूर्ववर्ती स्थिति को पुनः प्राप्त करलिया और 1950 के दशक तक अपने युद्द पूर्व स्तर से दोगुना उत्पादन करना शुरू कर दिया. इटली लचर आर्थिक स्थिति में युद्द से बाहर आया, लेकिन 1950 के दशक तक, इटली की अर्थव्यवस्था को स्थिरता और उच्च विकास द्वारा चिह्नित किया गया. युद्ध के बाद ब्रिटेन की आर्थिक हालत खस्ता थी, और आने वाले कई दशकों तक उनकी अर्थ व्यवस्था में गिरावट दर्ज की जाती रही. फ्रांस बहुत जल्दी संभल गया, और तेजी से आर्थिक विकास और आधुनिकीकरण के मार्ग पर प्रशस्त हो गया. सोवियत संघ ने भी युद्ध के तत्काल बाद उत्पादन में तेजी से वृद्धि का अनुभव किया. एशिया में जापान ने अविश्वसनीय तेजी से आर्थिक विकास का अनुभव किया, और 1980 के दशक तक जापान दुनिया की सबसे ताकतवर अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया. चीन, उसके नागरिक युद्ध के समापन के बाद, अनिवार्य रूप से एक दिवालिया राष्ट्र ही था. 1953 तक आर्थिक बहाली काफी सफल लग रही थी क्योंकि उत्पादन युद्द पूर्व के स्तर पर पहुँच गया था. यह विकास दर ज्यादातर जारी रहा, हालांकि इसे संक्षेप में विनाशकारी और विशाल अग्रिम छलाँगके आर्थिक प्रयोग द्वारा बाधित किया गया था.युद्ध के अंत में, संयुक्त राज्य अमरीका दुनिया के लगभग आधे औद्योगिक उत्पादन का उत्पादन करता था; हालांकि 1970 के दशक तक, यह प्रभुत्व काफी हद तक कम हो गया.