वर्षा जल संचयन
Varsha Jal Sanchyan
भविष्य में पानी की कमी को पूरा करने और जल को बहने से बचाने के लिये प्राकृतिक संसाधनों और कृत्रिम डिजाइन संसाधनों के माध्यम से बारिश के पानी को इकट्ठा और संग्रहित करना वर्षा जल संचयन है। कई सारे कारणों के द्वारा जल संचयन की मात्रा प्रभावित होती है जैसे बारिश की प्रायिकता, बारिश की मात्रा, बारिश के पानी को इकट्ठा करने का तरीका और पानी को इकट्ठा करने के लिये संसाधनों का आकार। कई सारी वजहों जैसे वनों की कटाई और पारिस्थितिकी असंतुलन से भूमि जलस्तर घटता जा रहा है। खासतौर से शहरी क्षेत्रों में लगातार बढ़ते शहरीकरण और औद्योगीकरण के कारण जल आपूर्ति की मांग बढ़ रही है। इसका कारण अत्यधिक भूमिगत जल का इस्तेमाल है जिससे ये नीचे की ओर जा रहा है। है अगर तुरंत कुछ प्रभावशाली कदम नहीं उठाये गये तो भविष्य में पानी के कमी का खतरा बड़े पैमाने पर बढ़ेगा और ये जीवन के लिये भी खतरा साबित हो सकता हैं।
जल संचयन बहुत ही मददगार है विभिन्न जरुरतों को पूरा करता है जैसे भूमि जलस्तर का पुनर्भरण, जल आपूर्ति में खर्च होने वाली बिजली के बिल को घटाएगा और किसी भी समय सरल जल आपूर्ति उपलब्ध करायेगा जब भी इसकी जरुरत होगी। ये आकलन किया गया है कि जलस्तर में 1 मीटर की बढ़ौतरी लगभग 0.4KWH बिजली को बचायेगा।
बारिश के पानी का संचयन क्यों आवश्यक है:
बारिश के पानी का संग्रहण सभी क्षेत्रों के लोगों के लिये बहुत जरुरी है। भविष्य में जल की कमी का डर खत्म करना बहुत अच्छा है। निम्न बिन्दु ये समझने में मदद करेंगे कि क्यों वर्षा जल संग्रहण की आवश्यकता है:
विभिन्न उद्देश्यों के लिये पानी की मांग को सतह का जल पूरा नहीं कर सकता है।
अपनी सभी जरुरतों के लिये भूमि जल पर सभी निर्भर हैं।
वनों की कटाई, तेजी से बढ़ता शहरीकरण, नीचे की मिट्टी से बारिश का पानी रिसना आदि के कारण लगातार भूमि जलस्तर घट रहा है।
प्राकृतिक जल संसाधनों में जल के स्तर को बारिश के पानी का संग्रहण बनाये रखता है।
ये सड़कों पर बाढ़ का खतरा और मिट्टी के घिसावट के खतरे को कम करता है साथ ही जल की गुणवत्ता को सुधारता है।
बारिश के पानी के संग्रहण की मुख्य तकनीक निम्न है:
भविष्य में उपयोग के लिये सतह के जल को इकट्ठा करना।
भूमि जल का पुनर्भरण करना।
सतह से बारिश के पानी को इकट्ठा करना बहुत ही असरदार और पारंपरिक तकनीक है। इसे छोटे तालाबों, भूमिगत टैंकों, डैम, बांध आदि के इस्तेमाल से किया जा सकता है। हालांकि, भूमिजल का पुनर्भरण तकनीक संग्रहण का एक नया तरीका है। इसे कुआँ खोद कर, गड्ढा, खाई, हैंड पम्प, कुओं को पुन: चार्ज करके किया जा सकता है।