भारत की घड़ी (अरुण जैमिनी)
Bharat ki Ghadi -Arun Jemini
एक आदमी ने
धरती से किया प्रस्थान
और यमराज के कक्ष में
घड़ियाँ-ही-घड़ियाँ देखकर
रह गया हैरान
हर देश की अलग घड़ी थी
कोई छोटी कोई बड़ी थी
कोई दौड़ रही थी कोई बन्द
कोई तेज़ थी, कोई मन्द
उनकी अलग-अलग रफ़्तार देखकर
आदमी चकराया
कारण पूछा तो यमराज ने बताया
हर घड़ी की उसी हिसाब से है रफ़्तार
जिस हिसाब से हो रहा है
उस देश में भ्रष्टाचार
आदमी ने चारों तरफ़ नज़र दौड़ाई
लेकिन भारत की घड़ी कहीं भी
नज़र नहीं आई
आदमी मुस्कुराया
यमराज के पास गया
और उसके कान में फुसफुसाया
-भारत वाले भ्रष्टाचार
यहाँ भी ले आए
सच-सच बताओ
भारत की घड़ी न रखने के लिये
कितने पैसे खाए
यमराज बोले-
बेटे, तेरे शक़ की सुईं
तो बिना बात उछल रही है
मेरे बैड रूम में जाकर देखो
पंखे की जगह
भारत की घड़ी चल रही है