Hindi Poem of Bhagwati Charan Verma “ Manav“ , “मानव” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मानव

 Manav

 

जब किलका को मादकता में

हंस देने का वरदान मिला

जब सरिता की उन बेसुध सी

लहरों को कल कल गान मिला

जब भूले से भरमाए से

भर्मरों को रस का पान मिला

तब हम मस्तों को हृदय मिला

मर मिटने का अरमान मिला।

पत्थर सी इन दो आंखो को

जलधारा का उपहार मिला

सूनी सी ठंडी सांसों को

फिर उच्छवासो का भार मिला

युग युग की उस तन्मयता को

कल्पना मिली संचार मिला

तब हम पागल से झूम उठे

जब रोम रोम को प्यार मिला

 

 

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