Hindi Poem of Ghalib “Hasil se haath dho bete e aarzu-khirami , “हासिल से हाथ धो बैठ ऐ आरज़ू-ख़िरामी” Complete Poem for Class 10 and Class 12

हासिल से हाथ धो बैठ ऐ आरज़ू-ख़िरामी – ग़ालिब

Hasil se haath dho bete e aarzu-khirami -Ghalib

 

हासिल से हाथ धो बैठ ऐ आरज़ू-ख़िरामी
दिल जोश-ए-गिर्या में है डूबी हुई असामी

उस शम्अ की तरह से जिस को कोई बुझा दे
मैं भी जले-हुओं में हूँ दाग़-ए-ना-तमामी

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