हाइकु
Haiku
जन्म मरण
समय की गति के
हैं दो चरण
वो हैं अकेले
दूर खडे होकर
देखें जो मेले
मेरी जवानी
कटे हुये पंखों की
एक निशानी
हे स्वर्ण केशी
भूल न यौवन है
पंछी विदेशी
वो है अपने
देखें हो मैने जैसे
झूठे सपने
किससे कहें
सब के सब दुख
खुद ही सहें
हे अनजानी
जीवन की कहानी
किसने जानी