Hindi Poem of Naresh Saksena “  Suno charushila”,”सुनो चारुशिला” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सुनो चारुशिला

 Suno charushila

 

तुम अपनी दो आँखों से देखती हो एक दृश्य

दो हाथों से करती हो एक काम

दो पाँवों से

दो रास्तों पर नहीं एक ही पर चलती हो

सुनो चारुशिला!

एक रंग और एक रंग मिलकर एक ही रंग होता है

एक बादल और एक बादल मिलकर एक ही बादल होता है

एक नदी और एक नदी मिलकर एक ही नदी होती है

नदी नहीं होंगे हम

बादल नहीं होंगे हम

रंग नहीं होंगे तो फिर क्या होंगे

अच्छा ज़रा सोचकर बताओ

कि एक मैं और तुम मिलकर कितने हुए

क्या कोई बता सकता है

कि तुम्हारे बिन मेरी एक वसंत ऋतु

कितने फूलों से बन सकती है

और अगर तुम हो तो क्या मैं बना नहीं सकता

एक तारे से अपना आकाश

 

 

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