Hindi Poem of Pradeep “ Kabhi dhoop kabhi chav“ , “कभी धूप कभी छाँव” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कभी धूप कभी छाँव

 Kabhi dhoop kabhi chav

 

सुख दुःख दोनों रहते जिसमें, जीवन है वो गाँव

कभी धूप कभी छाँव, कभी धूप तो कभी छाँव

भले भी दिन आते जगत में, बुरे भी दिन आते

कड़वे मीठे फल करम के यहाँ सभी पाते

कभी सीधे कभी उल्टे पड़ते अजब समय के पाँव

कभी धूप कभी छाँव, कभी धूप तो कभी छाँव

सुख दुःख दोनों रहते जिसमें, जीवन है वो गाँव

क्या खुशियाँ क्या गम, यह सब मिलते बारी बारी

मालिक की मर्ज़ी पे चलती यह दुनिया सारी

ध्यान से खेना जग नदिया में बन्दे अपनी नाव

कभी धूप कभी छाँव, कभी धूप तो कभी छाँव

सुख दुःख दोनों रहते जिस

में, जीवन है वो गाँव

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