कभी धूप कभी छाँव
Kabhi dhoop kabhi chav
सुख दुःख दोनों रहते जिसमें, जीवन है वो गाँव
कभी धूप कभी छाँव, कभी धूप तो कभी छाँव
भले भी दिन आते जगत में, बुरे भी दिन आते
कड़वे मीठे फल करम के यहाँ सभी पाते
कभी सीधे कभी उल्टे पड़ते अजब समय के पाँव
कभी धूप कभी छाँव, कभी धूप तो कभी छाँव
सुख दुःख दोनों रहते जिसमें, जीवन है वो गाँव
क्या खुशियाँ क्या गम, यह सब मिलते बारी बारी
मालिक की मर्ज़ी पे चलती यह दुनिया सारी
ध्यान से खेना जग नदिया में बन्दे अपनी नाव
कभी धूप कभी छाँव, कभी धूप तो कभी छाँव
सुख दुःख दोनों रहते जिस
में, जीवन है वो गाँव