सारी शक्तियां आपके अंदर हैं
Sari Shaktiya aapke ander hai
बहुत पुरानी बात है किसी राज्य में एक राजा शासन करते थे। राजा की एक बहुत ही खूबसूरत बेटी थी। एक दिन राजा ने पूरे राज्य में घोषणा की कि वह अपनी बेटी का स्वयंवर करना चाहता है। पूरे राज्य के लोग आमन्त्रित हैं।
राज्य में स्वयंवर की तैयारियाँ जोरों से चल रहीं थीं, देश विदेशों से राजा महाराजा भी आने वाले थे। धीरे धीरे स्वयंवर की तारीख नजदीक आई, पड़ोसी राज्यों के राजा और राजकुमार भी स्वयंवर में हिस्सा लेने आये। राजा ने स्वयंवर के लिए एक शर्त रखी- उसने एक बड़ा तालाब बनवाया और उस तालाब में कई सारे मगरमच्छ छोड़ दिए गए। अब शर्त यह थी कि जो इंसान इस तालाब को तैर कर एक किनारे से दूसरे किनारे तक पार करेगा, राजा उसी व्यक्ति से अपनी बेटी का विवाह कर देगा।
सारे लोग जब तालाब के किनारे इकट्ठे हुए तो भय से लोगों की आत्मा तक काँपने लगी। तालाब के अंदर मौजूद अनेक विशाल मगरमच्छ मुँह फैलाये अपने शिकार का इंतजार कर रहे थे। किसी की आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं हो रही थी, आखिर अपनी जान की बाजी कौन लगाये। कोई आगे आने को तैयार नहीं था।
सारे लोग एक दूसरे का मुँह देख रहे थे, इतने में भीड़ में से एक नौजवान लड़का निकलकर तालाब में कूद गया। सारे लोगों की आँखें उसे देखकर फटी की फटी रह गयीं। उस लड़के ने तूफान की गति से तैरना शुरू किया और खतरनाक मगरमच्छों को चकमा देता हुआ किनारे की ओर बढ़ने लगा और बहुत साहस और चालाकी से वह तालाब पार कर गया। बाहर निकलते ही उसे लोगों ने कंधे पर उठा लिया, लोग कहने लगे – वाह कितना बहादुर लड़का है। किसी ने पूछा – आपमें इतनी शक्ति कहाँ से आई जो आपने ये तालाब पार कर लिया? लड़के ने घबराते हुए कहा – अरे बाकि सब बाद में पहले ये बताओ कि धक्का किसने दिया? 🙂 🙂
दोस्तों इस कहानी को पढ़कर आपको थोड़ी हँसी आई होगी लेकिन जरा गहराई से सोचें इस कहानी में बहुत गंभीर सन्देश छिपा है। एक लड़के के अंदर इतनी शक्ति कहाँ से आई कि वह मगरमच्छों से भरा तालाब पार कर गया। इस बात को ध्यान से सोचें तो आप पायेंगे कि दुनियाँ सारी शक्तियाँ आपके अंदर विद्धमान हैं लेकिन आप कभी उनको पहचान नहीं पाते, उनको निखार नहीं पाते। उस लड़के के पास भी कोई दैवीय शक्ति नहीं थी बल्कि उसने अपने अंदर छिपे बल का प्रयोग किया, अपने साहस को जगाया और वो कर दिखाया जिसकी लोग कल्पना भी नहीं कर सकते थे।
कई बार हम दूसरे लोगों से अपनी तुलना करते हैं तो पाते हैं कि हमारा मित्र तो बहुत अमीर है पर हम नहीं, हमारा मित्र तो कहाँ से कहाँ पहुँच गया, फलां इंसान ने तो इतनी कम उम्र में सफलता हासिल कर ली। लेकिन सच बात ये है कि जो क्षमता दूसरों में है वो आपमें भी है, जितना दिमाग दूसरे के पास है उतना ही आपके पास भी है, आपने पास भी हर साहस और हर शक्ति है, आप अपनी क्षमताओं को जानते ही नहीं, आप खुद से अनजान बने हुए हैं।
कभी सुना होगा कि साधु – महात्मा जंगल में तपस्या करते थे और शक्तियाँ प्राप्त करते थे। आपको क्या लगता है? क्या कुछ शक्तियाँ बाहर से आकर उनके अंदर समां जाती होंगी? नहीं ऐसा बिलकुल नहीं है। वास्तव में वे लोग तपस्या से अपने अंदर की शक्तियों को जाग्रत कर लेते थे, अपनी शक्तियों को पहचान लिया करते थे। स्वामी विवेकानंद ने कहा है – समस्त ब्रह्माण्ड आपके अंदर ही विद्धमान है। और ये बात 100% सच है।
समस्याओं से डरिये मत, दुनिया की कोई भी परेशानी आपके साहस से बड़ी नहीं है। अगर आप अपने किसी लक्ष्य में सफल नहीं हो पा रहे हैं तो यकीन मानिये आप अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहे हैं। ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है जिसे आप हासिल नहीं कर सकते। हर असंभव को संभव बनाने की शक्ति आप में है। जरुरत है तो सिर्फ खुद को जानने की, अपनी छिपी शक्तियों को पहचानने की। जिस दिन आप ऐसा करने में सफल हो जायेंगे, सफलता खुद आपके चरण चूमेगी ।