नैया पड़ी मंझधार गुरु बिन कैसे लागे पार -कबीर Neya padi majhdhar guru bin kese lage paar -Kabir नैया पड़ी मंझधार गुरु बिन कैसे लागे पार ॥ साहिब …
जीवन-मृतक का अंग -कबीर Jeevan Mritak ka ang -Kabir ‘कबीर मन मृतक भया, दुर्बल भया सरीर । तब पैंडे लागा हरि फिरै, कहत कबीर ,कबीर ॥1॥ जीवन तै …
पंडित जवाहरलाल नेहरू Jawaharlal Nehru जन्म: 14 नवम्बर, 1889 – मृत्यु: 27 मई, 1964, भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के महान सेनानी एवं स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री (1947-1964) थे। जवाहर …
कबीर के पद -कबीर Kabir ke Pad -Kabir प्रेम नगर का अंत न पाया, ज्यों आया त्यों जावैगा॥ सुन मेरे साजन सुन मेरे मीता, या जीवन में क्या …
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद Dr. Rajendra Prasad जन्म- 3 दिसम्बर, 1884, जीरादेयू, बिहार, मृत्यु- 28 फ़रवरी, 1963, सदाकत आश्रम, पटना, भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे। राजेन्द्र प्रसाद बेहद प्रतिभाशाली और …
अंखियां तो झाईं परी -कबीर Ankhiyan to Jhai pari -Kabir अंखियां तो झाईं परी, पंथ निहारि निहारि। जीहड़ियां छाला परया, नाम पुकारि पुकारि। बिरह कमन्डल कर लिये, बैरागी …
बहुरि नहिं आवना या देस -कबीर Bahuri nahi Aavna ya des -Kabir बहुरि नहिं आवना या देस ॥ जो जो गए बहुरि नहि आए, पठवत नाहिं सेस ॥1॥ …
डॉ. भीमराव आम्बेडकर Bhimrao Ramji Ambedkar जन्म: 14 अप्रैल, 1891 – मृत्यु: 6 दिसंबर, 1956) एक बहुजन राजनीतिक नेता, और एक बौद्ध पुनरुत्थानवादी भी थे। उन्हें बाबासाहेब के नाम …