Tag: Hindi Poems
भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा Bhramar koi kumudani par machal betha to hangama भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा हमारे दिल में कोई ख्वाब …
मरने की फुर्सत Marne ki fursat (एक रेड इण्डियन लोकगीत के आधार पर पल्लवित) ईसा मसीह औरत नहीं थे वरना मासिक धर्म ग्यारह बरस की उमर से उनको …
कोई दीवाना कहता है Koi divana kahta hai कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है ! मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !! मैं तुझसे …
दायम तेरे दर पे Dayam tere dar pe सभागार की ये पुरानी दरी गालिब के किसी शेर के साथ बुनी गई होगी कम से कम दो शताब्दी पहले। …
अनसुने अध्यक्ष हम Ansune Adhyaksh hum बाँह फैलाए खड़े, निरुपाय, तट के वृक्ष हम ओ नदी! दो चार पल, ठहरो हमारे पास भी । चाँद को छाती लगा फिर …
कूड़ा बीनते बच्चे Kuda binte bacche उन्हें हमेशा जल्दी रहती है उनके पेट में चूहे कूदते हैं और खून में दौड़ती है गिलहरी! बड़े-बड़े डग भरते चलते हैं …
एक औरत का पहला राजकीय प्रवास Ek Aurat ka pahla Rajkiya pravas वह होटल के कमरे में दाख़िल हुई अपने अकेलेपन से उसने बड़ी गर्मजोशी से हाथ मिलाया। …
गीत कवि की व्यथा 1 Geet kavi ki vyatha 1 ओ लेखनी विश्राम कर अब और यात्रायें नहीं मंगल कलश पर काव्य के अब शब्द के स्वस्तिक न रच …