Tag: Hindi Poems
कभी-कभी Kabhi kabhi कभी-कभी चला जाता हूँ किसी पुराण-वन में सेंकते धूप दोपहर की: बरामदे में- हिरण दिखते हैं, पक्षी कई, कोटर उनके, घनी डालों में छिपी हुईं कुछ …
जो कुछ हो सुनाना उसे बेशक़ सुनाइये Jo kuch ho sunana use beshak sunaiye जो कुछ हो सुनाना उसे बेशक़ सुनाइये तकरीर ही करनी हो कहीं और जाइये …
फागुन के दोहे Fagun ke dohe ऎसी दौडी़ फ़गुनाहट ढ़ाणी चौक फलाँग फागुन आया खेत में गये पडो़सी जान आम बौराया आँगना कोयल चढ़ी अटार चंग द्वार दे दादर …
जिन्दगी इक तलाश है क्या है? Jindagi ek talash hai kya hai जिन्दगी इक तलाश है, क्या है? दर्द इसका लिबास है क्या है? फिर हवा ज़हर पी …
हरी घाटी Hari Ghati फिर नदी की बात सुन कर चहचहाने लग गई है यह हरी घाटी हवा से बात कर के लहलहाने लग गई है झर रहे झरने …
हम विकट ग़रीब-प्रेमी है Hum Vikat gareeb premi hai हम विकट गरीब-प्रेमी हैं चाहे कोई सरकार बने हम उसे ग़रीबों की सरकार मानकर उसके सामने अपना प्रलाप शुरू …
माया में मन Maya me man दिन भर गठरी कौन रखाए माया में मन कौन रमाए दुनिया ये आनी जानी है ज्ञानी कहते हैं फ़ानी है चलाचली का- खेला …
बाढ़ के बाद Badh ke baad असमय मर गए ये एक जवान प्रवासी खेत-मज़दूर का मिट्टी का घर है जो ज़मीन पर पड़ा है छप्पर सम्भालने वाला लकड़ी …