Tag: Hindi Poems
रामभरोसे Ram Bharose अमन चैन के भरम पल रहे – रामभरोसे! कैसे-कैसे शहर जल रहे – राम भरोसे! जैसा चाहा बोया-काटा दुनिया को मर्ज़ी से बाँटा उसकी थाली अपना …
आइए Aaiye आपको हम अपना घर दिखाते हैं बड़े-बड़े कमरे देखिए सब आपस में जुड़े हैं आप इधर से भी और उधर से भी आ-जा सकते हैं खिड़कियाँ …
खोया खोया मन Khoya Khoya mann जीवन की आपाधापी में खोया खोया मन लगता है बड़ा अकेलापन लगता है दौड़ बड़ी है समय बहुत कम हार जीत के सारे …
आवारा दिन Avara din दिन कितने आवारा थे गली गली और बस्ती बस्ती अपने मन इकतारा थे माटी की खुशबू में पलते एक खुशी से हर दुख छलते बाड़ी, …
घर तो बहुत सारे ख़ाली हैं Ghar to bahut sare khali hai घर तो बहुत सारे ख़ाली हैं पर वे हिन्दुओं के घर हैं वे मुसलमानों को नहीं …
कोयलिया बोली Koyaliya boli शहर की हवाओं में कैसी आवाज़ें हैं लगता है गाँवों में कोयलिया बोली नीलापन हँसता है तारों में फँसता है गगन की घटाओं में कैसी …
हमारे पास घर था Hamare pas ghar tha हमारे पास घर था मगर वह अपना नहीं था घर हमारे लिए सपना भी नहीं था हमारे पास घर ख़रीदने …
खिड़की Khidki बहुत दिनों बाद खिड़की खोली थी साफ-साफ दिखता काँच के उस पार लगता था नयी धूप आएगी फूल खिल जाएँगे नई पत्तियाँ उगेंगी वसंत फिर आएगा धीरे-धीरे …