Tag: Hindi Poems
पानी Pani पानी का स्वरूप ही शीतल है बाग में नल से फूटती उजली विपुल धार कल-कल करता हुआ दूर-दूर तक जल हरी में सीझता है मिट्टी में रसता …
आओ, जल भरे बर्तन में Aao jal bhare bartan me आओ, जल भरे बर्तन में झाँकें साँस से पानी में डोल उठेंगी दोनों छायाएँ चौंककर हम अलग-अलग हो जाएंगे …
सम्मानित Sammanit लिफ़्टमैन और दरबान जानते थे वे रिक्शा चलाने वालों से कम कमाते हैं वे कुछ पढ़े-लिखे थे रिक्शा चलाने वालों की नियति पर तरस खाते थे …
आनेवाला कल Anewala Kal मुझे याद नहीं रहता है वह क्षण जब सहसा एक नई ताकत मिल जाती है कोई एक छोटा-सा सच पकडा जाने से वह क्षण एक …
मामूली सिपाही Mamuli Sipahi बेचारे मामूली सिपाही सरकार की नाक कटवा देते हैं उन्हें विधि-व्यस्था का ख़याल रखने से अधिक ताश खेलने में मज़ा आता है इश्क़बाज दिलफेंक …
आनेवाला खतरा Aanewala khatra इस लज्जित और पराजित युग में कहीं से ले आओ वह दिमाग़ जो खुशामद आदतन नहीं करता कहीं से ले आओ निर्धनता जो अपने बदले …
मेरी अन्तरात्मा में क्या है Meri antaratma me kay hai मेरी अंतरात्मा में क्या है कुछ ज़रूरी सिक्के कुछ और सिक्कों के आने की उम्मीद धनिकों का लोकतन्त्र …
किताब पढ़कर रोना Kitab padhkar rona रोया हूँ मैं भी किताब पढकर के पर अब याद नहीं कौन-सी शायद वह कोई वृत्तांत था पात्र जिसके अनेक बनते थे चारों …