Tag: Hindi Poems
विवश Vivash कविता का कोई समय नहीं होता जैसे मन या नींद का! धूप की धुंधली दोस्ती काम नहीं आती अगर अंधेरा अमावस का हो और गुजरना किसी जंगल …
कल सहसा यह सन्देश मिला Kal sahsa yah sandesh mila कल सहसा यह सन्देश मिला सूने-से युग के बाद मुझे कुछ रोकर, कुछ क्रोधित हो कर तुम कर …
बदरी नाथ जाते हुए Badri nath jate hue उठती गिरती चल रही है सड़क मेरे देश की तरह! कभी तरकुल ऊंची कभी पहाड़ नीची! स्वप्न सी दिख रही नीचे …
मातृ-भू शत-शत बार प्रणाम Matribhu shat shat bar pranam मातृ-भू, शत-शत बार प्रणाम ऐ अमरों की जननी, तुमको शत-शत बार प्रणाम, मातृ-भू शत-शत बार प्रणाम। तेरे उर में …
समय की बात Samay ki baat शायद मेरा खत उन्हें नहीं मिला! शायद मेरी याद उन्हें नहीं आयी, शायद वे व्यस्त है जरूर लिखेंगे मुझे, शायद वे नहीं लिखेंगे …
संकोच-भार को सह न सका Sankoch bhar ko sah na saka संकोच-भार को सह न सका पुलकित प्राणों का कोमल स्वर कह गये मौन असफलताओं को प्रिय आज …
बस इतना–अब चलना होगा Bas itna ap chalna hoga बस इतना–अब चलना होगा फिर अपनी-अपनी राह हमें। कल ले आई थी खींच, आज ले चली खींचकर चाह हमें तुम …
आजकल Aajkal आजकल मैं एक ऐसे जंगल से गुजर रहां हूँ जिसमें एक दरख्त की जड़ें दूसरे दरख्त की जड़ें हैं एक की पत्तियां दूसरे की पत्तियां हैं एक …