Tag: Hindi Poems
आज मानव का सुनहला प्रात है Aaj manav ka sunhala prat hai आज मानव का सुनहला प्रात है, आज विस्मृत का मृदुल आघात है; आज अलसित और मादकता-भरे, …
तीरथराम कभी झूठ नहीं बोलते Tirathram kabhi jhooth nahi bolte तीरथराम कभी झूठ नहीं बोलते! सच के अलावा वे कुछ भी नहीं बोलते! अक्सर वे मेरे यहां आते हैं, …
मानव Manav जब किलका को मादकता में हंस देने का वरदान मिला जब सरिता की उन बेसुध सी लहरों को कल कल गान मिला जब भूले से भरमाए …
गौरैया Goriya कितने अधिकार से फुदकती है गौरैया! घर में आंगन में छज्जे-मुंडेर पर मेरा घर अपना घर समझती है गौरैया! चहचहाती है गौरैया! खिड़की से झांकती है गौरैया! …
हम दीवानों की क्या हस्ती Hum Divano ki kya hasti हम दीवानों की क्या हस्ती, आज यहाँ कल वहाँ चले मस्ती का आलम साथ चला, हम धूल उड़ाते …
एक क्रिकेट मैच को देखते हुए Ek Cricket match ko dekhte hue मैं जानता था कि वे हार रहे थे! मैं निश्चिंत होकर अपने बाकी पड़े कामों को निपटा …
भैंसागाड़ी Bhensagadi चरमर- चरमर- चूँ- चरर- मरर जा रही चली भैंसागाड़ी! गति के पागलपन से प्रेरित चलती रहती संसृति महान; सागर पर चलते हैं जहाज , अंबर पर …
कर्फ्यू में लिखी एक चिट्ठी Curfew me likhi ek chithi प्रिय रामदेव जी! अच्छा ही हुआ जो आप इन दिनों नहीं थे शहर में रहते भी तो क्या हमारा …