Tag: Hindi Poems
प्रकाश के रंग Prakash ke rang प्रकाशों की धारा दिवस रजनी नित्य बहती सभी की आँखों में अदिख छवि लाई मचल के सधे आवर्तों में घिर कर कई प्राण …
अस्तोदय की वीणा Astodya ki vina बाजे अस्तोदय की वीणा–क्षण-क्षण गगनांगण में रे। हुआ प्रभात छिप गए तारे, संध्या हुई भानु भी हारे, यह उत्थान पतन है व्यापक …
पयोद और धरणी Payod aur dharni पयोदों की धारा गगन तल घेरे क्षितिज में विलंबी होती है, धरणि उर का ताप तज के बुलाती गाती है पल-पल, नए भाव …
दु:खों की छाया Dukho ki chaya दुखों की छाया में यह भव बसा है, नियति की सदिच्छा होगी तो कुछ दिन कटेंगे, समय के सधे आयामों में। भ्रम भ्रम …
निशीथ-चिंता NIshith chinta हे प्रभो! आनन्द दाता ज्ञान हमको दीजिए। शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए। लीजिए हमको शरण में हम सदाचारी बनें। ब्रह्मचारी धर्मरक्षक वीर व्रत-धारी …
टूटा हृदय Tuta hridya कहीं से टूटा भी हृदय अपना नित्य अपना रहेगा । भूले भी पथ पर इसे छोड़ कर जो चलेगा, भोगेगा । क्षण क्षण कहानी अवश …
जो है सो है Jo hai so hai खिले फूलों से ही खिंच कर रमे जो भुवन में अभावों की छाया पकड़ कर भावांत उन का दिखाएगी, क्या है …
वह देश कौन-सा है? Vah desh kon sa hai मन-मोहिनी प्रकृति की गोद में जो बसा है। सुख-स्वर्ग-सा जहाँ है वह देश कौन-सा है? जिसका चरण निरंतर रतनेश …