Tag: Hindi Poems
सब का अपना आकाश Sab ka apna prakash हुआ सब का अपना आकाश ढ़ली दुपहर, हो गया अनूप धूप का सोने का सा रूप पेड़ की डालों पर कुछ …
उनका हो जाता हूँ Unka ho jata hu तभी हँस देता हूँ देखने वालों की आँखें उस हालत में देखा ही करती हैं आँसू नहीं लाती हैं और जब …
मैं अपनौ मनभावन लीनों Me apno mabhavan lino मैं अपनौ मनभावन लीनों॥ इन लोगनको कहा कीनों मन दै मोल लियो री सजनी। रत्न अमोलक नंददुलारो नवल लाल …
लहरों में साथ रहे कोई Laharo me saath rahe koi अपरिचय के सागर में दृष्टि को पकड़ कर कुछ बात कहे कोई । लहरें ये लहरें वे इनमें ठहराव …
एक लहर फैली अनन्त की Ek Lahar feli anant ki कभी आँख ने समझी कभी कान ने पाई कभी रोम-रोम से प्राणों में भर आई और है कहानी दिगन्त …
हो झालौ दे छे रसिया नागर पनाँ Ho jhalo de che rasiya nagar pna हो झालौ दे छे रसिया नागर पनाँ। साराँ देखे लाज मराँ छाँ आवाँ किण …
भीख मांगते उसी त्रिलोचन को देखा कल Bheekh mangte usi trilochan ko dekha kal जिस को समझा था है तो है यह फ़ौलादी ठेस-सी लगी मुझे, क्योंकि यह मन …
तरूण से Tarun se तुम्हारी शक्ति अतुल है जहाँ कर्म में वह बदली है वहॉं राष्ट्र का नया रुप सम्मुख आया है वैयक्तिक भी कार्य तुम्हारा सामूहिक है और …