Tag: Hindi Poems
बिरहानल दाह दहै तन ताप Birhanal dah dahe tan tap बिरहानल दाह दहै तन ताप, करी बड़वानल ज्वाल रदी। घर तैं लखि चन्द्रमुखीन चली, चलि माह अन्हान …
हृदय की लिपि Hriday ki lipi यह रहस्य कढ़ा किस ओर से है हृदय की लिपि वायु-तरंग में लिख उठी छवि की अरधान सी नयन देख जिसे चुप हो …
रतनारी हो थारी आँखड़ियाँ Ratnari ho thari ankhadiya रतनारी हो थारी आँखड़ियाँ। प्रेम छकी रसबस अलसाड़ी, जाणे कमलकी पाँखड़ियाँ॥ सुंदर रूप लुभाई गति मति, हो गईं ज्यूँ मधु माँखड़ियाँ। …
स्वर Swar स्वर व्यतीत कदापि नहीं हुए समय-तार बजा कर जो जगे, रँग गई धरती अनुराग से, गगन में नवगुंजन छा गया । Related posts: Hindi Poem of Makhan …
विनिमय Vinimay अजाने जाने का अभिनय चला था नियम से, चलेगा आगे भी, जन जन इसे जान कर ही करेंगे भावों का विनिमय, नहीं और पथ है; लड़ाई आत्मा …
जब भी इस शहर में कमरे से मैं बाहर निकला Jab bhi is shahar me kamre se me bahar nikala जब भी इस शहर में कमरे से मैं …
इसीलिए तो नगर -नगर Isiliye to nagar nagar इसीलिए तो नगर-नगर बदनाम हो गये मेरे आँसू मैं उनका हो गया कि जिनका कोई पहरेदार नहीं था| जिनका दुःख लिखने …
वसंत Vasant नव वसंत खिला जब भाग्य सा, भुवन में तब जीवन आ गया, गगन ने उस को अपनाव से, अतुल गौरव से, अपना किया । Related posts: Hindi …