Tag: Hindi Poems

Hindi Poem of Anjana Bhatt“Kohra, “कोहरा ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

कोहरा – अंजना भट्ट Kohra – Anjana Bhatt हर तरफ छाया है कोहरा…आँखें हैं कुछ मजबूर धुंधली सी बादल की एक चादर है कुछ नहीं आता नज़र दूर दूर… …

Hindi Poem of Ghalib “Anjana Bhatt , “धरती और आसमान” Complete Poem for Class 10 and Class 12

धरती और आसमान – अंजना भट्ट Dharti Aur Aasman – Anjana Bhatt मैं? मैं हूँ एक प्यारी सी धरती कभी परिपूर्णता से तृप्त और कभी प्यासी आकाँक्षाओं में तपती. …

Hindi Poem of Ghalib “Husan-e-beparva kharidar-e-mta-e-jalva hai , “हुश्न-ए-बेपरवा ख़रीदार-ए-मता-ए-जलवा है ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

हुश्न-ए-बेपरवा ख़रीदार-ए-मता-ए-जलवा है – ग़ालिब Husan-e-beparva kharidar-e-mta-e-jalva hai -Ghalib हुस्न-ए-बे-परवा ख़रीदार-ए-माता-ए-जल्वा है आइना ज़ानू-ए-फ़िक्र-ए-इख़्तिरा-ए-जल्वा है ता-कुजा ऐ आगही रंग-ए-तमाशा बाख़्तन चश्म-ए-वा-गर्दीदा आग़ोश-ए-विदा-ए-जल्वा है Related posts: Hindi Poem of Majruh …

Hindi Poem of Ghalib “Huzum-e-nala herat ajeez-e-arz-e-yakk-afang hai , “हुजूम-ए-नाला हैरत आजिज़-ए-अर्ज़-ए-यक-अफ़्ग़ँ है ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

हुजूम-ए-नाला हैरत आजिज़-ए-अर्ज़-ए-यक-अफ़्ग़ँ है – ग़ालिब Huzum-e-nala herat ajeez-e-arz-e-yakk-afang hai -Ghalib   हुजूम-ए-नाला हैरत आजिज़-ए-अर्ज़-ए-यक-अफ़्ग़ँ है ख़मोशी रेशा-ए-सद-नीस्ताँ से ख़स-ब-दंदाँ है तकल्लुफ़-बर-तरफ़ है जाँ-सिताँ-तर लुत्फ़-ए-बद-ख़ूयाँ निगाह-ए-बे-हिजाब-ए-नाज़ तेग़-ए-तेज़-ए-उर्यां है हुई …

Hindi Poem of Ghalib “Huzoor-e-shah mein ahal-e-sukhan ki aajmaish hai , “हुज़ूर-ए-शाह में अहल-ए-सुख़न की आज़माइश है” Complete Poem for Class 10 and Class 12

हुज़ूर-ए-शाह में अहल-ए-सुख़न की आज़माइश है – ग़ालिब Huzoor-e-shah mein ahal-e-sukhan ki aajmaish hai -Ghalib   हुज़ूर-ए-शाह में अहल-ए सुख़न की आज़माइश है चमन में ख़ुश-नवायान-ए-चमन की आज़माइश है …

Hindi Poem of Ghalib “Hasil se haath dho bete e aarzu-khirami , “हासिल से हाथ धो बैठ ऐ आरज़ू-ख़िरामी” Complete Poem for Class 10 and Class 12

हासिल से हाथ धो बैठ ऐ आरज़ू-ख़िरामी – ग़ालिब Hasil se haath dho bete e aarzu-khirami -Ghalib   हासिल से हाथ धो बैठ ऐ आरज़ू-ख़िरामी दिल जोश-ए-गिर्या में है …

Hindi Poem of Ghalib “Tarif-e-matlabe-mushquil nahi fasoon-e-niyaz , “हरीफ़-ए-मतलब-ए-मुशकिल नहीं फ़ुसून-ए-नियाज़” Complete Poem for Class 10 and Class 12

हरीफ़-ए-मतलब-ए-मुशकिल नहीं फ़ुसून-ए-नियाज़ – ग़ालिब Tarif-e-matlabe-mushquil nahi fasoon-e-niyaz -Ghalib   हरीफ़-ए-मतलब-ए-मुश्किल नहीं फ़ुसून-ए-नियाज़ दुआ क़ुबूल हो या रब कि उम्र-ए-ख़िज़्र दराज़ न हो ब-हर्ज़ा बयाबाँ-नवर्द-ए-वहम-ए-वुजूद हुनूज़ तेरे तसव्वुर में …