Tag: Hindi Poems
रफ़्तार-ए-उम्र क़त-ए-रह-ए-इज़्तिराब है – ग़ालिब Raftaar-e-umarr katt-e-rah-e-ijtirab hai -Ghalib रफ़्तार-ए-उम्र क़त-ए-रह-ए-इज़्तिराब है इस साल के हिसाब को बर्क़ आफ़्ताब है मीना-ए-मय है सर्व नशात-ए-बहार से बाल-ए-तदरव जल्वा-ए-मौज-ए-शराब है …
मुझ को दयार-ए-ग़ैर में मारा वतन से दूर – ग़ालिब Mujh ko Dayar-e-Gher mein mara vatan se door -Ghalib मुझ को दयार-ए-ग़ैर में मारा वतन से दूर रख …
मुँद गईं खोलते ही खोलते आँखें ‘ग़ालिब’ – ग़ालिब mund gai kholte hi kholte aankhe ‘Ghalib’ -Ghalib मुँद गईं खोलते ही खोलते आँखें ग़ालिब यार लाए मिरी बालीं …
मस्ती ब-ज़ौक़-ए-ग़फ़लत-ए-साक़ी हलाक है – ग़ालिब masti b-zok-e-ghaflat-e-saakki halak hai -Ghalib मस्ती ब-ज़ौक़-ए-ग़फ़लत-ए-साक़ी हलाक है मौज-ए-शराब यक-मिज़ा-ए-ख़्वाब-नाक है जुज़ ज़ख्म-ए-तेग़-ए-नाज़ नहीं दिल में आरज़ू जेब-ए-ख़याल भी तिरे हाथों से …
बीम-ए-रक़ीब से नहीं करते विदा-ए-होश – ग़ालिब Bim-e-rakeeb se nahin karte vida-e-hosh -Ghalib बीम-ए-रक़ीब से नहीं करते विदा-ए-होश मजबूर याँ तलक हुए ऐ इख़्तियार हैफ़ जलता है दिल कि …
बर्शकाल-ए-गिर्या-ए-आशिक़ है देखा चाहिए – ग़ालिब barshkal-e-girya-aashiq hai dekha chahiye -Ghalib बर्शकाल-ए-गिर्या-ए-आशिक़ है देखा चाहिए खिल गई मानिंद-ए-गुल सौ जा से दीवार-ए-चमन उल्फ़त-ए-गुल से ग़लत है दावा-ए-वारस्तगी सर्व …
ब-नाला हासिल-ए-दिल-बस्तगी फ़राहम कर – ग़ालिब B-nala hasil-e-bastgi faraham kar -Ghalib ब-नाला हासिल-ए-दिल-बस्तगी फ़राहम कर मता-ए-ख़ाना-ए-ज़ंजीर जुज़ सदा मालूम ब-क़द्र-ए-हौसला-ए-इश्क़ जल्वा-रेज़ी है वगरना ख़ाना-ए-आईना की फ़ज़ा मालूम ‘असद’ …
है बज़्म-ए-बुतां में सुख़न आज़ुर्दा लबों से – ग़ालिब Hain bazam-e-buta mein sukhan Aajurda lambo se -Ghalib है बज़्म-ए-बुताँ में सुख़न आज़ुर्दा-लबों से तंग आए हैं हम ऐसे …