Tag: Hindi Poems
चशम-ए-ख़ूबां ख़ामुशी में भी नवा-परदाज़ है – ग़ालिब Chashm-e-khub khamushi mein bhi nava-padaz hai -Ghalib चश्म-ए-ख़ूबाँ ख़ामुशी में भी नवा-पर्दाज़ है सुर्मा तो कहवे कि दूद-ए-शोला-ए-आवाज़ है पैकर-ए-उश्शाक़ साज़-ए-ताला-ए-ना-साज़ …
घर में था क्या कि तिरा ग़म उसे ग़ारत करता – ग़ालिब Ghar mein tha kya ki tera gam use gharat karta -Ghalib घर में था क्या कि …
गुलशन में बंदोबस्त ब-रंग-ए-दिगर है आज – ग़ालिब Gulshan mein bandobast b-rang-e-digar hai aaj -Ghalib गुलशन में बंदोबस्त ब-रंग-ए-दिगर है आज क़ुमरी का तौक़ हल्क़ा-ए-बैरून-ए-दर है आज आता …
गरम-ए-फ़रयाद रखा शक्ल-ए-निहाली ने मुझे – ग़ालिब Garam-e-faryad rakha skakal-e-nihali ne mujhe -Ghalib गरम-ए फ़रयाद रखा शकल-ए निहाली ने मुझे तब अमां हिजर में दी बरद-ए लियाली ने …
गर तुझ को है यक़ीन-ए-इजाबत दुआ न माँग – ग़ालिब Gar tujh ko hai yakeen-e-eejabat dua na mang -Ghalib गर तुझ को है यक़ीन-ए-इजाबत दुआ न माँग यानी बग़ैर-ए-यक-दिल-ए-बे-मुद्दआ …
कोह के हों बार-ए-ख़ातिर गर सदा हो जाइये – ग़ालिब Koh ke ho baar-e-khatir gar sada ho jaiye -Ghalib कोह के हों बार-ए-ख़ातिर गर सदा हो जाइए बे-तकल्लुफ़ ऐ …
कार-गाह-ए-हस्ती में लाला दाग़-सामाँ है – ग़ालिब Kaar-Gaha-e-hasti mein lala daag-sama hai -Ghalib कार-गाह-ए-हस्ती में लाला दाग़-सामाँ है बर्क़-ए-ख़िर्मन-ए-राहत ख़ून-ए-गर्म-ए-दहक़ाँ है ग़ुंचा ता शगुफ़्तन-हा बर्ग-ए-आफ़ियत मालूम बा-वजूद-ए-दिल-जमई ख़्वाब-ए-गुल …
क़यामत है कि सुन लैला का दश्त-ए-क़ैस में आना – ग़ालिब Kyamat hai ki sun laila ka dasht-e-Kais mein aana -Ghalib क़यामत है कि सुन लैला का दश्त-ए-क़ैस में …