Tag: Hindi Poems
वह क़िस्सा ही क्या जो चलता नहीं रहे Vah kissa hi kya jo chalta nahi rahe किस्सा यूं है कि गवाह पाण्डेय – और चौंक पाण्डेयपुर का रास्ता-सारनाथ और …
प्रकृति रमणीक है Prakriti ramnik he प्रकृति रमणीक है। जिसने इतना ही कहा उसने संकुल सौंदर्य के घनीभूत भार को आत्मा के कंधों पर पूरा नहीं सहा! भीतर …
शक्ति भी है अकेला आदमी Shakti bhi he akela aadmi बहुत भयभीत कर सकता है एक अकेला-सा शब्द अकेला। शक्ति का जर्रा-जर्रा निकाल कर तन से झुका सकता है …
सच हम नहीं सच तुम नहीं Sach hum nahi sach tum nahi सच हम नहीं सच तुम नहीं सच है सतत संघर्ष ही । संघर्ष से हट कर …
साँझ-17 Saanjh 17 प्रत्येक हृदय स्पंिदत हो, मेरे कंपन की गति पर, छाले मेरी करूणा का, संदेश देश-देशान्तर।।२४१।। सापेक्ष विश्व निमिर्त है, कल्पना-कला के लेखे। यह भूमि दूसरा …
फिर कली की ओर Fir kali ki or हम यहाँ हैं और उलझी कहीं पीछे डोर फूल कोई लौट जाना चाहता है फिर, कली की ओर! इस तरह भी …
साँझ-16 Saanjh 16 पागलपन के धागों में, सारी तरूनाई बुन दँू। चंदा की चल पलकों पर, चुपके से चुम्बन चुन दँू।।२२६।। स्वीकृत-िसंकेत तुम्हारे, मेरे समीप तक आयें। घन …
चलो देखें… Chalo dekhe चलो देखें, खिड़कियों से झाँकती है धूप उठ जाएँ । सुबह की ताज़ी हवा में हम नदी के साथ थोड़ा घूम-फिर आएँ! चलो, देखें, रात-भर …