Tag: Hindi Poems

Hindi Poem of Balkrishan Rao “  Fir kya hoga uske baad ”,”फिर क्या होगा उसके बाद” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

फिर क्या होगा उसके बाद  Fir kya hoga uske baad   फिर क्या होगा उसके बाद? उत्सुक होकर शिशु ने पूछा, \”माँ, क्या होगा उसके बाद?\” रवि से उज्जवल, …

Hindi Poem of Balkrishan Rao “  Aaj ho hoga ”,”आज ही होगा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

आज ही होगा  Aaj ho hoga   मनाना चाहता है आज ही? -तो मान ले त्यौहार का दिन आज ही होगा! उमंगें यूँ अकारण ही नहीं उठतीं, न अनदेखे …

Hindi Poem of Chandrasen Virat “ Dohe”,”दोहे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

दोहे  Dohe पहुँचे पूरे जोश से, ज्यों आंधी तूफान चाँदी का जूता पड़ा, तो सिल गई ज़ुबान सबने अपनी काटकर, सौंपी उन्हें जुबान सिध्द हुए वे सहन में, कितने …

Hindi Poem of Chandrasen Virat “ Sambhav vidambna bhi”,” संभव विडंबना भी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

संभव विडंबना भी  Sambhav vidambna bhi संभव विडंबना भी है साथ नव-सृजन के उल्लास तो बढ़ेंगे, परिहास कम न होंगे अलगाव की विवशता हरदम निकट रही है इतना प्रयत्न …

Hindi Poem of Balkrishan Rao “ Garmiyo ki sham ”,”गरमियों की शाम” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

गरमियों की शाम  Garmiyo ki sham   आँधियों ही आँधियों में उड़ गया यह जेठ का जलता हुआ दिन, मुड़ गया किस ओर, कब सूरज सुबह का गदर की …

Hindi Poem of Chandrasen Virat “ Sandhya aaj udas he”,”संध्या आज उदास है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

संध्या आज उदास है  Sandhya aaj udas he पहले शिशु के मृत्युशोक से भरी हुई कोई माँ आँगन में बैठी खोई-सी वैसे ही बस संध्या आज उदास है रंग …

Hindi Poem of Balkavi Beragi “  Tu chanda me chandni, tu taruvar me shakha re ”,”तू चंदा मैं चांदनी, तू तरुवर मैं शाख रे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

तू चंदा मैं चांदनी, तू तरुवर मैं शाख रे  Tu chanda me chandni, tu taruvar me shakha re   तू चंदा मैं चांदनी, तू तरुवर मैं शाख रे तू …

Hindi Poem of Chandrasen Virat “Deh ke Mastul”,”देह के मस्तूल” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

देह के मस्तूल  Deh ke Mastul अंजुरी-जल में प्रणय की अर्चना के फूल डूबे । ये अमलतासी अँधेरे, और कचनारी उजेरे, आयु के ऋतुरंग में सब चाह के अनुकूल …