Tag: Hindi Poems

Hindi Poem of Balkavi Beragi “ Sara desh hamara ”,”सारा देश हमारा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सारा देश हमारा  Sara desh hamara   केरल से कारगिल घाटी तक गोहाटी से चौपाटी तक सारा देश हमारा जीना हो तो मरना सीखो गूंज उठे यह नारा सारा …

Hindi Poem of Chandrasen Virat “ Mukatak”,”मुक्तक” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मुक्तक  Mukatak कौन कहता है भली होती है? हर बुराई में ढली होती है एक जीवन को नरक से जोड़े वारुणी ही वो गली होती है । मिलते जुलते …

Hindi Poem of Balkavi Beragi “ Naujawan aao re ”,”नौजवान आओ रे !” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

नौजवान आओ रे !  Naujawan aao re   नौजवान आओ रे, नौजवान गाओ रे ।। लो क़दम बढ़ाओ रे, लो क़दम मिलाओ रे ।। ऐ वतन के नौजवान, इक …

Hindi Poem of Chandrasen Virat “ Aksharo ki archana”,”अक्षरों की अर्चना” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अक्षरों की अर्चना  Aksharo ki archana अक्षरों की अर्चना आयु भर हम अक्षरों की अर्चना करते रहें. छंद में ही काव्य की नव सर्जना करते रहें.. स्वर मिले वह …

Hindi Poem of Balkavi Beragi “  Mere Desh ke Lal ”,”मेरे देश के लाल” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मेरे देश के लाल  Mere Desh ke Lal   पराधीनता को जहाँ समझा श्राप महान कण-कण के खातिर जहाँ हुए कोटि बलिदान मरना पर झुकना नहीं, मिला जिसे वरदान …

Hindi Poem of Chandrasen Virat “Yah desh hamara ”,”यह देश हमारा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

यह देश हमारा Yah desh hamara  यह देश हमारा इस विश्व के गगन के सितारों का सितारा ये देश हमारा ये विंध्य ये हिमालय गंगोजमन कहाँ ऐसी धरा कहाँ …

Hindi Poem of Balkavi Beragi “  Apni Gandh Nahi Bechunga ”,”अपनी गंध नहीं बेचूंगा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अपनी गंध नहीं बेचूंगा  Apni Gandh Nahi Bechunga   चाहे सभी सुमन बिक जाएं चाहे ये उपवन बिक जाएं चाहे सौ फागुन बिक जाएं पर मैं गंध नहीं बेचूंगा- …

Hindi Poem of Chandrasen Virat “ Mukatikaye likhe”,”मुक्तिकाएँ लिखें” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मुक्तिकाएँ लिखें  Mukatikaye likhe मुक्तिकाएँ लिखें मुक्तिकाएँ लिखें दर्द गायें लिखें.. हम लिखें धूप भी हम घटाएँ लिखें.. हास की अश्रु की सब छटाएँ लिखें.. बुद्धि की छाँव में …