Tag: Hindi Poems
जो कुटिलता से जियेंगे Jo Kutilta se jiyenge छीनकर छ्लछंद से हक पराया मारकर अम्रित पिया तो क्या पिया? हो गये बेशक अमर जी रहे अम्रित उमर लेकिन …
प्रसंग ग़लत है Prasang galat he दिया गया संदर्भ सही पर अवसर और प्रसंग ग़लत है । भाव, अमूर्त और अशरीरी वह अनुभव की वस्तु रहा है चित्र न …
गन्ने मेरे भाई! Ganne mere bhai इक्ष्वाकु वंश के आदि पुरुष गन्ने! मेरे भाई!! रेशे-रेशे में रस और रग-रग में मिठास का जस रखोगे तो प्यारे भाई गन्ने! …
छंद की अवधारणा Chand ki avdharana छंद की अवधारणा फूल में जैसे बसी है गंध की अवधारणा. गीत में वैसे रही लय छंद की अवधारणा.. एक तितली चुम्बनों ही …
पथहारा वक्तव्य Pathhara Vaktavya हमें पता था कि खाली हाथ और टूटे हथियार लिए शिविर में लौटना होगा: यह भी कि हम जैसे लोग कभी जीत नहीं पाए- …
गाओ कि जिये जीवन Gao ki jiye jeevan गंधर्व, गीत के ओ! कबसे पुकारता हूँ आओ कि मौत सहमे, गाओ कि जिए जीवन । यह निपट अकेलापन, मन की …
आततायी की प्रतीक्षा-2 Attayi ki Pratiksha 2 हम किसी और की नहीं अपनी प्रतीक्षा कर रहे हैं: हमें अपने से दूर गए अरसा हो गया और हम अब लौटना …
उतारी जाए Utari jaye अब हथेली न पसारी जाए. धार पर्वत से उतारी जाए. अपनी जेबो में भरे जो पानी उसकी गर्दन पे कटारी जाए. अब वो माहौल बनाओ, …