कणाद का परमाणु सिद्धांत
Kanad ka parmanu sidhant
महर्षि कणाद प्राचीन भारतीय वैज्ञानिक और दार्शनिक थे जिन्होनें सबसे पहले परमाणु सिद्धांत (Atomic Theory) दिया| उन्होनें परमाणु की गति, उसकी संरचना और रसानायिक प्रवर्ति पर प्रकाश डाला |
कणाद के परमाणु सिद्धांत(Atomic Theory) के पीछे एक बहुत रोचक कथा है| एक बार वे जंगल में हाथ में एक फल लिए घूम रहे थे | वो धीरे धीरे हाथ मे रखे फल को नाखूनों से कुरेद कुरेद कर फैंक रहे थे| लेकिन धीरे धीरे फल इतना छोटा हो गया कि कणाद फिर उसको तोड़ ही नहीं पाए| बस यही बात उनके दिमाग़ में बैठ गयी की इस फल की कोई ना कोई एक सूक्षतम इकाई(smallest unit) है जिसे तोड़ा नहीं जा सकता|
इस बात पर उन्होनें बहुत आनलाइज़ किया और अंत में परमाणु सिद्धांत(Atomic Theory) दिया| उन्होनें ही सबसे पहले सिद्ध किया कि परमाणु ही किसी पदार्थ की सबसे छोटी इकाई(smallest unit) है इसे नग्न आँखों से नहीं देखा जा सकता है और ना ही इसका विभाजन किया जा सकता है| उन्होनें बताया की ब्रह्माण्ड में मौजूद हर चीज़ परमाणु से ही मिलकर बनी है बिना इसके ब्रह्माण्ड की कल्पना भी करना असंभव है| उनकी Atomic Theory को आज भी साइंटिस्ट फेल नहीं कर पाए| कणाद ने बताया की ब्रह्माण्ड में मौजूद हर चीज़ 9 तत्वों से मिलकर बनी है:- प्रथवी, जल, प्रकाश, हवा, आकाश, समय, तत्व, दिमाग़ और आत्मा| और बहुत सारे परमाणु आपस में जुड़कर पदार्थ की रचना करते हैं
इसके बाद कणाद ने उष्मा(Heat) के बारे में बताया की Heat एक प्रकार की एनर्जी है और एनर्जी को कभी ख़त्म नहीं किया जा सकता और ना बनाया जा सकता है बल्कि केवल एक स्टेज से दूसरी स्टेज मे convert किया जा सकता है | उन्होनें बताया कि फल उष्मा(Heat) की वजह से ही पकता है और पानी भी Heat से ही गरम होता है |
इसके बाद दुनियाँ में बहुत सारे साइंटिस्ट आए 1938 में James Chedwik ने Atomic Theory पर पूरा आनलाइज़ किया और परमाणु की विस्तार पूर्वक Theory दी |
कणाद केवल एक साइंटिस्ट ही नहीं थे बल्कि वह हमारे भारत की धरोहर हैं जिनके ज्ञान और सिद्धांतों को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता बल्कि हमें गर्व महसूस करना चाहिए कि हमारे भारत में कणाद जैसे महर्षियों ने जन्म लिया