Hindi Poem of Sur Das “ Rasik sir bho heri lagavat, “रसिक सीर भो हेरी लगावत” Complete Poem for Class 10 and Class 12

रसिक सीर भो हेरी लगावत

 Rasik sir bho heri lagavat

 

रसिक सीर भो हेरी लगावत गावत राधा राधा नाम ॥ध्रु०॥

कुंजभवन बैठे मनमोहन अली गोहन सोहन सुख तेरोई गुण ग्राम ॥१॥

श्रवण सुनत प्यारी पुलकित भई प्रफुल्लित तनु मनु रोम राम सुखराशी बाम ॥२॥

सूरदास प्रभु गिरीवर धरको चली मिलन गजराज गामिनी झनक रुनक बन धाम ॥३॥

 

 

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