Hindi Poem of Sur Das “ Sudamajiko dekhat shyam hase, “ सुदामजीको देखत श्याम हसे” Complete Poem for Class 10 and Class 12

सुदामजीको देखत श्याम हसे

 Sudamajiko dekhat shyam hase

 

सुदामजीको देखत श्याम हसे सुदामजीको देखत० ॥ध्रु०॥

हम तुम मित्र है बालपनके । अब तुम दूर बसे ॥ सुदामजी ॥१॥

फाटीरे धोती टुटी पगडीयां । चालत पाव घसे ॥ सुदा०॥२॥

भाभिजीने कुछ भेट पठाई । पोवे तीन पैसे ॥ सुदा०॥३॥

सूरदास प्रभु तुम्हारे मिलनसे । कंचन मेल बसे ॥ सुदामजी०॥४॥

 

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.