Hindi Poem of Pradeep “ Charago ka laga mela ye jhanki khubsurat hai“ , “चरागों का लगा मेला ये झांकी खूबसूरत है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

चरागों का लगा मेला ये झांकी खूबसूरत है

 Charago ka laga mela ye jhanki khubsurat hai

चरागों का लगा मेला ये झांकी खूबसूरत है

मगर वो रौशनी है कहाँ

मुझे जिसकी जरुरत है

ये ख़ुशी लेके मैं क्या करूँ

मेरी है अब तलक रात काली

जगमगाते दियो मत जलो

मुझसे रूठी है मेरी दिवाली

ये ख़ुशी लेके मैं क्या करूँ

जिनसे रोशन थी ये ज़िन्दगी

वो तो जाने कहीं चल दिए

रौशनी मेरे आकाश को

देने वाले कहीं चल दिए

चल दिए है मेरे देवता

जिनका मंजर पड़ा आज खाली

जगमगाते दियो मत जलो

मुझसे रूठी है मेरी दिवाली

मैं जितना आज हूँ उतना ना था उदास कभी

चले गए वो बड़ी दूर जो थे पास कभी

अनाथ कर गए मुझको बिसारने वाले

बिना बताये अचानक सिधारने वाले

कहा हो ऐ मेरी बिगड़ी सँवारने वालों

पुकार लो मुझे बेटा पुकारने वालों

 

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