Hindi Poem of Trilochan “Tarun se“ , “तरूण से” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

तरूण से

Tarun se

तुम्‍हारी शक्ति अतुल है

जहाँ कर्म में वह बदली है

वहॉं राष्‍ट्र का नया रुप

सम्मुख आया है

वैयक्तिक भी कार्य तुम्‍हारा

सामूहिक है

और

जहाँ हो

वहीं तुम्‍हारी जीवनधारा

जड़ चेतन को

आप्‍यायित, आप्‍लावित करती है

कोई देश

तुम्‍हारी साँसों से जीवित है

और तुम्‍हारी आँखों से देखा करता है

और तुम्‍हारे चलने पर चलता रहता है

मनोरंजनों में है इतनी शक्ति तुम्‍हारे

जिससे कोइ राष्‍ट्र

बना बिगड़ा करता है

सदा सजग व्‍यवहार तुम्‍हारा हो

जिससे कल्‍याण फलित हो।

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