Hindi Poem of Trilochan “Payod aur dharni“ , “पयोद और धरणी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

पयोद और धरणी

Payod aur dharni

पयोदों की धारा गगन तल घेरे क्षितिज में

विलंबी होती है, धरणि उर का ताप तज के

बुलाती गाती है पल-पल, नए भाव उस के

बलाका माला से उठ कर उड़े और फहरे।

 

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