Hindi Poem of Shiv Mangal Singh Suman “ Sahamte Swar 5“ , “सहमते स्वर-5” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सहमते स्वर-5

Sahamte Swar 5

 

चला आया

अपनी ही नज़रों में

गिरने से बच गया।

नए माहौल में

भटकना भला लगता है

सुविधा का भरण क्षण तो

सड़ा-गला लगता है

उनकी क्या करता

हाँ-हज़ूरी

जो ख़ुद मोहताज हैं

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