Hindi Poem of Shiv Mangal Singh Suman “  Patvar“ , “पतवार” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

पतवार

 Patvar

 

आज सिन्धु ने विष उगला है

लहरों का यौवन मचला है

आज ह्रदय में और सिन्धु में

साथ उठा है ज्वार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार।

लहरों के स्वर में कुछ बोलो

इस अंधड में साहस तोलो

कभी-कभी मिलता जीवन में

तूफानों का प्यार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार।

यह असीम, निज सीमा जाने

सागर भी तो यह पहचाने

मिट्टी के पुतले मानव ने

कभी ना मानी हार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार।

सागर की अपनी क्षमता है

पर माँझी भी कब थकता है

जब तक साँसों में स्पन्दन है

उसका हाथ नहीं रुकता है

इसके ही बल पर कर डाले

सातों सागर पार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार।

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.