Hindi Poem of Raghuveer Sahay “Chand ki aadate“ , “चाँद की आदतें” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

चाँद की आदतें

Chand ki aadate

चाँद की

कुछ आदतें हैं।

एक तो वह पूर्णिमा के दिन

बड़ा-सा निकल आता है

बड़ा नकली (असल शायद वही हो) ।

दूसरी यह,

नीम की सूखी टहनियों से लटककर

टँगा रहता है (अजब चिमगादड़ी आदत!)

तथा यह तीसरी भी

बहुत उम्दा है

कि मस्जिद की मीनारों और गुंबद की पिछाड़ी से

ज़रा मुड़िया उठाकर मुँह बिराता है हमें!

यह चाँद!

इसकी आदतें कब ठीक होंगी?

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.