पथहीन
Pathheen
कौन सा पथ है?
मार्ग में आकुल – अधीरातुर बटोही यों ही पुकारा
कौन सा पथ है?
महाजन जिस ओर जाएं – शास्त्र हुंकारा
अंतरात्मा ले चले जिस ओर – बोला न्याय पंडित
साथ आओ सर्वसाधारण जनों के – क्रांति वाणी।
पर महाजन – मार्ग – गमोचित न संबल है, न रथ है,
अंतरात्मा अनिश्चय – संशय – ग्रसित,
क्रांति – गति – अनुसरण – योग्या है न पद सामर्थ्य।
कौन सा पथ है?
मार्ग में आकुल – अधीरातुर बटोही यों ही पुकारा
कौन सा पथ है?