Hindi Poem of Giridhar “Bin vichare jo kare“ , “बिना विचारे जो करै” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बिना विचारे जो करै
Bin vichare jo kare

 

बिना विचारे जो करै, सो पाछे पछिताय।
काम बिगारै आपनो, जग में होत हंसाय॥

जग में होत हंसाय, चित्त चित्त में चैन न पावै।
खान पान सन्मान, राग रंग मनहिं न भावै॥

कह ‘गिरिधर कविराय, दु:ख कछु टरत न टारे।
खटकत है जिय मांहि, कियो जो बिना बिचारे॥

 

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