Hindi Poem of Kunwar Narayan “Utkendrit“ , “उत्केंद्रित” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

उत्केंद्रित
Utkendrit

मैं ज़िंदगी से भागना नहीं
उससे जुड़ना चाहता हूँ। –
उसे झकझोरना चाहता हूँ

उसके काल्पनिक अक्ष पर
ठीक उस जगह जहाँ वह
सबसे अधिक बेध्य हो कविता द्वारा।

उस आच्छादित शक्ति-स्त्रोत को
सधे हुए प्रहारों द्वारा
पहले तो विचलित कर

फिर उसे कीलित कर जाना चाहता हूँ
नियतिबद्ध परिक्रमा से मोड़ कर
पराक्रम की धुरी पर

एक प्रगति-बिन्दु
यांत्रिकता की अपेक्षा
मनुष्यता की ओर ज़्यादा सरका हुआ…

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