Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Parampara ka anukaran “ , “परम्परा का अनुकरण ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

परम्परा का अनुकरण
Parampara ka anukaran

 

परम्परा का अनुकरण
या अनुकरण की परम्परा।
भीड़ चारों ओर
चिल्ल-पों और शोर।

भीड़, भीड़ों से घिरी,
भीड़, भीड़ों में गुथी,
भीड़ भी निरुपाय है,
भीड़ ही समुदाय है।

यन्त्री-चालित दौड़,
नहीं जिसमें,
स्वाँस का अवकाश।
लगी ऐसी होड़,

छिले घुटने,
ठोकरों ने तोड़ डाले,
पोर अँगुली के।
नाक से, मुँह से हुआ है,
रक्तसपात।

किन्तुग फिर भी,
दौड़ने को विवश।
भय है!
भीड़ से पीछे न रह जायें कहीं।

हम अकेले,
गुम न हो जायें कहीं।
अनुकरण की परम्परा
या परम्परा का अनुकरण।

 

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