Hindi Poem of Geeta Chaturvedi “Panchtatav“ , “पंचतत्व” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

पंचतत्व
Panchtatav

 

मेरी देह से जल निकाल लो और रेगिस्तान में नहरें बहाओ

मेरी देह से निकाल लो आसमान और बेघरों की छत बनाओ

मेरी देह से निकाल लो हवा और यहूदी कैम्पों की वायु शुद्धकराओ

मेरी देह से आग निकाल लो, तुम्हारा दिल बहुत ठंडा है

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