Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “ Asadharan“ , “असाधारण” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

असाधारण

Asadharan

 

प्यासे को चैन दे;

सूखे हुए अधरों को

फिर से जो बैन दे

ऐसा सभी पानी है|

लहरों के आने पर,

काई-सा फटे नहीं;

रोटी के लालच मे

तोते-सा रटे नहीं

प्राणी वही प्राणी है|

लँगड़े को पाँव और

लूले को हाथ दे,

सत की संभार में

मरने तक साथ दे,

बोले तो हमेशा सच,

सच से हटे नहीं;

झूट के डराए से

हरगिज डरे नहीं|

सचमुच वही सच्चा है|

माथे को फूल जैसा

अपने को चढ़ा दे जो;

रूकती-सी दुनिया को

आगे बढा दे जो;

मरना वही अच्छा है|

प्राणी का वैसे और

दुनिया मे टोटा नहीं,

कोई प्राणी बड़ा नहीं

कोई प्राणी छोटा नहीं|

 

 

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