Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Bedard“ , “बेदर्द” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बेदर्द

 Bedard

 

मन को

मानो सूखने के ख़याल से

रस्सी पर डाल दिया है

और मन

सूख रहा है

बचा-खुचा दर्द

जब उड़ जाएगा

तब फिर पहन लूँगा मैं उसे

माँग जो रहा है मेरा

बेवकूफ तन

बिना दर्द का मन!

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