Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Mere ghar aai ek nanhi pari“ , “मेरे घर आई एक नन्ही परी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मेरे घर आई एक नन्ही परी

Mere ghar aai ek nanhi pari

 

मेरे घर आई एक नन्ही परी, एक नन्ही परी

चाँदनी के हसीन रथ पे सवार

मेरे घर आई एक नन्ही परी

उसकी बातों में शहद जैसी मिठास

उसकी सासों में इतर की महकास

होंठ जैसे के भीगे-भीगे गुलाब

गाल जैसे के बहके-बहके अनार

मेरे घर आई एक नन्ही परी

उसके आने से मेरे आंगन में

खिल उठे फूल गुनगुनायी बहार

देख कर उसको जी नहीं भरता

चाहे देखूँ उसे हज़ारों बार

चाहे देखूँ उसे हज़ारों बार

मेरे घर आई एक नन्ही परी

मैने पूछा उसे के कौन है तू

हंसके बोली के मैं हूँ तेरा प्यार

मैं तेरे दिल में थी हमेशा से

घर में आई हूँ आज पहली बार

मेरे घर आई एक नन्ही परी

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