Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Chu lene do nazuk hontho ko“ , “छू लेने दो नाज़ुक होठों को” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

छू लेने दो नाज़ुक होठों को

 Chu lene do nazuk hontho ko

छू लेने दो नाज़ुक होठों को

कुछ और नहीं हैं जाम हैं ये

क़ुदरत ने जो हमको बख़्शा है

वो सबसे हँसीं ईनाम हैं ये

शरमा के न यूँ ही खो देना

रंगीन जवानी की घड़ियाँ

बेताब धड़कते सीनों का

अरमान भरा पैगाम है ये, छू लेने दो …

अच्छों को बुरा साबित करना

दुनिया की पुरानी आदत है

इस मय को मुबारक चीज़ समझ

माना की बहुत बदनाम है ये, छू लेने दो …

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