Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “ Phir mahki amrai  “ , “फिर महकी अमराई” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

फिर महकी अमराई

Phir mahki amrai 

 

कोयल की ऋतु आई

नए-नए बौरों से

डाल-डाल पगलाई!

एक प्रश्न बार-बार

पूछता है मन उघार 

तुम इतना क्यों फूले?

नई-नई गंधों से

सांस-सांस हुलसाई! 

अंतस में प्यार लिए

मधुरस के आस लिए

भँवरा बन क्यों झूले?

न-नए रागों से

कली-कली मुस्काई!

फिर महकी अमराई

कोयल की ऋतु आई

नए-नए बौरों से

डाल-डाल पगलाई!

 

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