Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “  Ek Pari “ , “एक परी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

एक परी

 Ek Pari

 

आयी महफ़िल में

लेकर एक छड़ी

एक इशारे में

रुक जाती

सबसे बड़ी घड़ी

उसका जादू

घट-घट बोले

गूंगे-बहरे

आँखें खोले

रुक जाते हैं

धावक सारे

जब हो जाय खड़ी

सम्मोहन के

सूत पिरोये

दीवानों को

खूब भिगोये

चाह रही कुछ

हासिल करना

देकर फूल-लड़ी

घड़ी देखकर

बदले पाला

बड़ कुर्सी पर

डाले माला

पढी-लिखी है

लेकिन ज्यादा

उससे कहीं कढ़ी

 

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