Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “  Ek Admi Nach “ , “एक आदिम नाच” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

एक आदिम नाच

 Ek Admi Nach

 

बज रहा

जो तार है

वो मैं नहीं-

आसावरी तू

एक स्मित रेख तेरी

आ बसी

जब से दृगों में

हर दिशा तू ही दिखे है

बाग़- वृक्षों में-

खगों में

दर्पणों के सामने

जो बिम्ब हूँ

वो मैं नहीं-

कादम्बरी तू

सूर्यमुखभा, कैथवक्षा!

नाभिगूढा!

कटिकमानी  

वींध जाते ह्रदय मेरा

मौन इनकी

दग्ध वाणी

नाचता हूँ

एक आदिम

नाच जो

वो मैं नहीं-

है बावरी तू

 

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